पहले फांसी पर लटकाओ, सब ठीक हो जाएगा

दिल्ली विस्फोट में शामिल आतंकियों को पकडऩे के लिए हमारे देश की खुफियां एजेंसियां एड़ी चोटी एक किए हुए हैं। लेकिन इससे क्या होने वाला है। अगर आतंकी पकड़ भी लिए जाते हैं तो क्या हो जाएगा। हमारे लिए एक और सिरदर्द। पहले के आतंकियों को पकड़कर तो हम अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ही चुके हैं। मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट में शामिल कसाब को लेकर तो हमारे देश के नेताओं को पसीना आ ही रहा है। उस आतंकी की रक्षा में हमारे देश की सबसे पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था को लगाया गया है। उसको खाने में क्या चीज देनी है, उसके लिए बकायदा बोर्ड गठित है। उसको कब किस चीज की जरूरत है, इसके लिए एक पूरा सेल काम करता है। इसी को देखते हुए हमारे आकाओं ने संसद पर हमला करने वाले हेडली को अपने देश में लाने की जोखिम ही नहीं उठाया। उसे अमेरिका में ही रहने दिया। एक तरह से ठीक ही किया। अगर वह भी आ जाता तो हमारे सुरक्षा एजेंसियों के एक और सिरदर्द हो जाता। विकिलिक्स के इस खुलासे के बाद कि हमारे देश के नेताओं ने हेडली को भारत लाने का प्रयत्न ही नहीं किया, नेताओं पर क्या फर्क पडऩे वाला है।
हमारे देश के प्रिय नेताओं हम यही चाहते है कि केवल जंाच करने और पकड़ लेने से कुछ नहीं होने वाला। पहले पकड़े हुए आतंकियों को फंसी पर तो लटकाओं, देखो अपने आप सब ठीक हो जाएगा।