तिहाड़ बना अन्ना कंट्रोल रूम

अन्ना ने तिहाड़ को अपना आफिस बना लिया है। जिस जेल का नाम सुनकर ही अपराधियों की सांसें थमने लगती है। उसी जेल को अन्ना ने मीटिंग हाल बना दिया है। जिस जेल में पुलिस ने अन्ना को बंद कर अनशन को दबाना चाहा, आज वही जेल अन्ना के अनशन को और बढावा देने का गवाह बन रहा है। अन्ना की रिहाई के आदेश मंगलवार रात्रि को ही आ गए थे। लेकिन अन्ना ने जेल से बाहर जाने से इनकार कर दिया। पुलिस ने विवश होकर वहीं पर उनको आराम करने के लिए कमरे का व्यवस्था किया। सरकार के जो मंत्री कल तक नियमों को हवाला देकर अनशन के लिए जगह देने से कतरा रहे थे, वहीं आज अन्ना अपने मर्जी से जेल में ही अनशन कर रहे हैं। और कोई भी उनके खिलाफ कुछ नहीं कर पा रहा है। यहीं नहीं बुधवार दोपहर को तो अन्ना ने तिहाड़ जेल को ही अपना मीटिंग हाल भी बना दिया। अन्ना ने अपने साथियों को जेल के अंदर बुलाकर मीटिंग शुरू कर दी। यह सब सरकार की नजर में हो रहा हैे। लेकिन अब सरकार या उसके कोई भी मंत्री नियमों की दुहाई नहीं दे रहे हैं। अन्ना के आगे सरकार पूरी तरह झुक गई है। अब गेंद पूरी तरह अन्ना के पाले में है। जो सरकार अन्ना की टीम को अनशन के खातिर जगह तय करने के लिए पिछले एक महीने से आफिस का चक्कर लगवा रही थी और १५ अगस्त तक यह मामला सुलझ नहीं पाया। वहीं सरकार आज अन्ना के लिए समूचे आफिसों को लिए तिहाड़ पहुंच गई है। जो फैसले लेने में पूरे एक महीने लग गए वहीं फैसला आज तिहाड़ में बैठी अन्ना टीम को आज घंटों में मिल रहा है। अन्ना के आगे सरकार पूरी तरह बेबस नजर आ रही हैे। चाहे जन लोकपाल का कुछ भी, भ्रष्टाचार मिटे या न मिटे, लेकिन यह तो तय हो गया कि अन्ना ने सरकार की पूरी तरह से किरकिरी कर दी। जनता के सामने सरकार अब मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही।